भारत समेत दुनिया के 20 विकासशील देशों में वैश्विक कृषि के विकास का नया रोडमैप वाराणसी में तैयार होगा। आज से 19 अप्रैल तक चलने वाले जी-20 सम्मेलन में कृषि, कृषि शिक्षा, अनुसंधान आदि मुद्दों पर सभी देशों के कृषि वैज्ञानिक मंथन करेंगे। नदेसर स्थित तारांकित होटल में सुबह नौ बजे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।उन्होंने कहा कि काशी से दुनिया भर में एक अभियान शुरू किया जा रहा है। मां अन्नपूर्णा की नगरी काशी से विश्व को उनके खान-पान से स्वस्थ रखने का संदेश दिया जाएगा। भारत सरकार वाराणसी से पोषण, खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ाने का प्रस्ताव दुनिया के सामने रख रही है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक व सचिव संजय ने बताया कि सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन व वैश्विक व्यापार संगठन सहित कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली कई संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।जी-20 के सिलसिले में काशी आए आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु ने बताया कि सम्मेलन का विषय वसुधैव कुटुंबकम है। इसके जरिये एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का संदेश दिया जाएगा।जी-20 के सम्मेलन देश के 60 शहरों में होने हैं। 200 बैठकें होंगी।

100वां सम्मेलन काशी में होना गौरव की बात है। इसमें कृषि के क्षेत्र में विकास से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा होगी। अब तक हुए सम्मेलनों में 110 अलग-अलग देशों से 12,300 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो चुके हैं। पूरे विश्व की 85 फीसदी जीडीपी और 75 फीसदी व्यापार जी 20 देशों में होता है।डॉ. हिमांशु पाठक ने बताया कि सम्मेलन में आने वाले मेहमान अलग-अलग सत्रों में चर्चा के दौरान काशी की धरोहरों को भी जानेंगे। पहले दिन गंगा आरती देखेंगे। मेहमान नमो घाट से क्रूज पर सवार होंगे और सिंधिया घाट होते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगे।घाट और क्रूज पर लोकनृत्य कहरवा, बमरसिया की प्रस्तुति होगी। 18 अप्रैल को उन्हें सारनाथ ले जाया जाएगा। यहां उन्हें धमेख स्तूप सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराया जाएगा। सब म्यूजियम व लाइट एंड साउंड शो देखेंगे, फिर बुद्धा थीम पार्क में सांस्कृतिक संध्या का आनंद लेंगे।