अयोध्या। इसी माह 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठित होनी है। समारोह की तैयारियां बहुत तेजी से हो रहीं है। ऐसे में रामकथा और उनसे जुड़े रोचक तथ्य भी खूब सुनाई दे रहे हैं। ऐसा ही एक प्रसंग अरब सागर का है जहां से रामभक्त हनुमान पाताल लोक गए थे।अरब सागर में स्थित दिल के आकार के इस द्वीप का नाम नेत्रानी है, जो बेंगलुरु के नजदीक मुरुदेश्वर के पास है। कहा जाता है ये वही जगह है जहां हनुमान जी आए थे, इसलिए इस जगह को बजरंगी द्वीप भी कहा जाता है। यह आइलैंड पर्यटकों के बीच खासतौर से स्कूबा डाइविंग के लिए मशहूर है। लोगों की मान्यता है कि नेत्रानी द्वीप सिर्फ एक टापू नहीं है, ये हनुमान भगवान का घर है जहां पर आकर वो रुके थे। रामायण काल से जुड़ा एक कुंड भी द्वीप पर मौजूद है जिसका पानी आज भी मीठा है ये लोगों के लिए चमत्कार ही है, क्योंकि सभी जानते हैं कि समुद्र का पानी खारा होता है और पीने के योग्य नहीं होता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वो मार्ग पाताल लोक के लिए कठिन टापू के पास से होकर गुजरता है। माना जाता है कि वहां पर भगवान हनुमान गए थे। कहा ये भी जाता है कुछ दिन पवन पुत्र हनुमान ने इसी टापू पर गुजारे थे। वहां पर उन्होंने भगवान श्रीराम की एक प्रतिमा भी बनाई थी जिसकी वहां पर रहने वाले गांव वाले आज भी पूजा करते हैं।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या तैयार है, प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के साथ ही राम भक्तों का सबसे बड़ा सपना पूरा होने वाला है, जिसका इंतजार वो सालों से कर रहे हैं। आज के लेख में हम बात करेंगे उस टापू के बारे में जिसके बारे में कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान वहां आए थे।धार्मिक कथाओं के अनुसार, अरब सागर में दिल की आकार का टापू है। कहा जाता है कि इसी टापू के आस-पास पानी में हजारों फीट नीचे गुफा में छुपा है। वह पौराणिक मार्ग जहां से महाबली हनुमान भगवान श्री राम और लक्ष्मण को अहिरावण से बचाने के लिए एक गुफा से होकर पाताल लोक गए थे।