गाजियाबाद । शहर में आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर अभियान चलाया गया, जिसका असर नगर निगम की बोर्ड बैठक में भी देखने को मिला है। अब शहर में आवारा कुत्तों को दूसरों के घर के आगे खाना खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम की बोर्ड बैठक में कुल 17 प्रस्ताव पेश किए गए। जिसमें कुत्तों के कारण हो रही समस्याओं को रोकने के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। पहले से बने नियमाें में संशोधन किया गया है। नगर निगम ने शहर में सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। इससे पहले पालतू कुत्ते का बंध्याकरण होना और उनको एंटी रेबीज टीकाकरण होना अनिवार्य किया गया है। पालतू श्वानों का पंजीकरण शुल्क अब 200 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये और नवीनीकरण सौ रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। 200 वर्गगज में अधिकतम दो और 400 वर्गगज में अधिकतम चार पालतू कुत्तों का पंजीकरण किया जाएगा। पालतू कुत्तों से दूसरों को कोई परेशानी नहीं होने दिया जाएगा, इसका शपथ पत्र भी कुत्ता पालने वाले व्यक्ति को देना होगा। पांच या पांच से अधिक पालतू कुत्ते आवासीय क्षेत्र में नहीं पाले जा सकेंगे।इन कुत्तों के कारण की जाने वाली गंदगी की सफाई की जिम्मेदारी भी पालने वाले व्यक्ति की होगी और आवारा कुत्तों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी एओए और आरडब्ल्यूए की होगी। कोई भी व्यक्ति न तो किसी के घर के सामने आवारा कुत्तों को खाना खिलाएगा न ही गंदगी फैलाएगा। पशु प्रेमी और एओए व आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी आपस में समन्वय कर आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग स्थान तय करेंगे। सार्वजनिक स्थान जैसे कि पार्क, लिफ्ट में कुत्तों को लेकर जाने पर मजल लगाना अनिवार्य होगा। पीटबुल, राटवीलर व डोगो अर्जेंटीनों जैसे आक्रामक कुत्तों का पंजीकरण तथा ब्रीडिंग प्रतिबंधित किया गया है।