हिंदू धर्म में सूर्य देव को प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है। वैदिक काल से सूर्य भगवान की पूजा चली आ रही है। रविवार के दिन सच्चे मन से सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि जो भी जातक सच्चे मन से सूर्य देव की पूजा उपासना करता है, उसकी सभी इच्छाएं अवश्य पूरी होती हैं। सूर्य देव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं, जिनके हम हर दिन साक्षात दर्शन करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी होती है, उसे समाज में खूब मान सम्मान प्राप्त होता है। रविवार के दिन सूर्य देवता को जल अर्पित करना और व्रत करना बेहद शुभ माना जाता है।

सूर्य देव आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।