शिव-पार्वती के प्रेम का प्रतीक माना जाता है मंगलसूत्र!
हिंदू धर्म के अनुसार हर दिन किसी न किसी रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन इनमें कुछ दिन ऐसे होते हैं जिनका महत्व अन्य की तुलना में अधिक होता है।
बात करें कार्तिक मास की तो इस माह में कई प्रमुख त्यौहार पड़ते हैं जिसमें सबसे पहला प्रमुख त्यौहार करवाचौथ पड़ता है। इस वर्ष ये व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ रहा है। जिसके चलते हर सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। बता दें हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन न केवल महिलाएं विधि वत पूजन करती हैं बल्कि कई प्रकार को उपाय आदि भी करते हैं जिसका शुभ प्रभाव उनके सुहाग के ऊपर माना जाता है।
तो आज हम आपको करवाचौथ के दिन किए जाने वाले कुछ खास उपाय बताने जा रहे हैं जो सुहागिन महिलाएं की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ से संबंधित है। हम बात कर रहे हैं मंगलसूत्र की। हिंदू धर्म में सुहागिन महिला के लिए जितना आवश्यक सिंदूर माना जाता है उतना ही जरूरी मंगलसूत्र माना जाता है। कहा जाता है कि करवाचौथ को मंगलसूत्र से जुड़े उपाय करना बहुत लाभदायक माना जाता है। तो आइए उपाय जानने से पहले जानते हैं कि मंगलसूत्र के महत्व के बारे में-
हिंदू धर्म में सुहागिन महिला के लिए मंगलसूत्र बेहद अहम माना जाता है। इसका संबंध किसी और से नहीं बल्कि देवों के देव महादेव तथा उनकी अर्धांगिनी देवी पार्वती से जुड़ा है। बता दें मंगलसूत्र में कई सारे काले मोटी एक धागे में पिरोए जाते हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इनका अधिक महत्व है। ऐसा माना जाता है बिना इन मोतियों के मंगलसूत्र अधूरा माना गया है क्योंकि इन मोतियों को भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम बंधन का प्रतीक कहलाता है। इसके अतिरिक्त कहा जाता है कि मंगलसूत्र में सोना यानि स्वर्ण माता पार्वती और काले मोती भगवान शिव का प्रतीक हैं।
मंगलसूत्र से जुड़ा खास उपाय-
धार्मिक व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ पर मंगलसूत्र ज़रूर पहनना चाहिए।
कहा जाता है मंगलसूत्र के काले धागे पति-पत्नी को बुरी नजर से बचाते हैं।