अधिवक्‍ता परिषद, मध्‍य भारत प्रांत के प्रांतीय अधिवेशन में शामिल हुए विधानसभा अध्‍यक्ष

भोपाल, /मुरैना15 अप्रैल 2023। मध्‍यप्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष श्री गिरीश गौतम शनिवार को मुरैना में अधिवक्ता परिषद मध्य भारत प्रांत के प्रथम प्रान्तीय अधिवेशन-2023 मुख्‍य अ‍तिथि के रूप में सम्‍मिलित हुए। कार्यक्रम माननीय उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता श्री प्रशान्त सिह तथा हाईकोर्ट एवं ज़िला न्यायालय के अधिवक्ता उपस्थित थे। इस सम्मेलन मे ‘अमत काल में भारतीय न्याय व्यवस्था के बदलते आयाम’ पर चर्चा हुई ।

इस संवाद में प्रमुख व्यक्ता श्री गौतम ने न्यायपालिका के लंबित मामलों तथा न्यायालय की भूमिका तथा अधिवक्ता के दायित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिवक्‍ता परिषद के गठन का उद्देश्‍य क्‍या है, इस पर हम सभी को विचार करना चाहिए। अधिवक्‍ताओं के हितों का ध्‍यान रखने के लिए ये संस्‍थाएं काम कर रही है।

श्री गौतम ने कहा कि आज देश में 6 करोड़ 88 लाख से ज्‍यादा मामले कोर्ट में लंबित है। कई बार देखने में आया है कि चार-चार पीढि़या कोर्ट के केस लड़ते लड़ते समाप्‍त हो जाती है। देरी से मिलने वाला न्‍याय, न्‍याय नहीं रह जाता है। इसलिए अमृत काल में यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि कोर्ट केस की पेंडेंसी समाप्‍त हो और पीडि़तों को समय पर कोर्ट से न्‍याय मिले।

श्री गौतम ने कहा कि राम मंदिर का निर्णय भावना को ध्‍यान में किया गया। यही होना भी चाहिए। जजमेंट नहीं जस्टिस होना चाहिए। इसलिए यह कहना चाहिए कि राम मंदिर के मामले में जस्टिस हुआ है।

श्री गौतम ने भारतीय संस्‍कृति के महत्‍व पर भी प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि धीरे धीरे हम अपनी संस्‍कृति को भूलते जा रहे हैं, इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारी सामाजिक व्‍यवस्‍था पर पड़ा है और विसं‍गतियां सामने आई हैं। उन्‍होंने कहा कि पहले पंच को परमेश्‍वर माना जाता था। पंच के पद पर बैठने वाला अपना पराया छोड़कर न्‍याय करता था, लेकिन आज यह विचार समाप्‍त हो गया है। इस पर गंभीरता से चिंतना होना चाहिए।

न्यूज़ सोर्स : विधान सभा सचिवालय मध्य प्रदेश