सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार दिल्ली सरकार को प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिला ही दिया। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को केंद्र और दिल्ली में प्रशासनिक कामकाज पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की और इसके साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी फैसले को लोकतंत्र की जीत बता है। अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल कई महीनों में पहली बार दिल्ली सचिवालय जाएंगे और अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठक करेंगे।

सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया
कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि दिल्ली सरकार के पास काम करने की विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं। आम आदमी पार्टी ने फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा कि निर्वाचित सरकार के पास अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार होगा। चुनी हुई सरकार के जरिए ही अधिकारी काम करेंगे। वहीं आप पार्टी ने कहा कि उपराज्यपाल के पास दिल्ली के लोगों के काम को रोकने के लिए अधिकारियों पर कोई शक्ति नहीं होगी। केजरीवाल ने दूसरी ओर दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का हार्दिक धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि विकास की गति कई गुना बढ़ जाएगी।

आम आदमी पार्टी समेत कई मंत्रियों ने फैसले पर खुशी जताई
आप राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने फैसले को एक ऐतिहासिक निर्णय कहा है और उन्होंने भी कहा कि यह एक कड़ा संदेश है। सत्यमेव जयते। दिल्ली की जीत है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से एक कड़ा संदेश जाता है कि दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले अधिकारी निर्वाचित सरकार के माध्यम से दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए हैं, न कि शासन को रोकने के लिए हैं। उपराज्यपाल को भी घेरा।

वहीं आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और मंत्री आतिशी ने भी फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को उसका हक दिलाया। अब कोई भी दिल्ली की जनता के काम में बाधा नहीं डाल पाएगा। यह ऐतिहासिक फैसला दिल्ली के लोगों की जीत है। अब दिल्ली दोगुनी गति से प्रगति करेगी। सभी को बधाई। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आठ साल तक दिल्ली की जनता के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। आज जनता जीत गई। 

सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली सरकार के हक में फैसला
केंद्र बनाम दिल्ली सरकार के मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि एक निर्वाचित सरकार को प्रशासन पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। इसने न्यायमूर्ति अशोक भूषण के 2019 के फैसले से सहमत होने से इनकार कर दिया कि शहर की सरकार के पास सेवाओं के मुद्दे पर कोई शक्ति नहीं है। दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की विधायी और कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ की स्थापना की गई थी। उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करना चाहिए। 

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