अमेरिका के पूर्व राजदूत पर गलत बयानी का आरोप, लगाया 93 हजार डॉलर का जुर्माना
न्यूयॉर्क । पाकिस्तान में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड गुस्ताव ओल्सन पर गलत बयानी का आरोप लगाते हुए 93 हजार डॉलर का जुर्माना किया है। उनपर कतर को सहायता देने और गलत बयान देने से जुड़े एक मामले में संघीय अदालत ने 93,350 डॉलर का जुर्माना लगाया है। सहायक अटॉर्नी जनरल मैथ्यू ऑलसेन ने यह जानकारी कहा गया कि यह जुर्माना उनके सार्वजनिक कार्यालय से संबंधित दो अलग-अलग कदाचारों के लिए है। जुर्माने के अलावा, 34 साल की विशिष्ट सेवा वाले राजनयिक को 36 महीने की परिवीक्षा की सजा दी गई। गौरतलब है कि ओल्सन 2012 से 2015 तक इस्लामाबाद में राजदूत थे और उसके बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान 2015 से 2016 तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रहे। विभाग ने कहा कि ओल्सन ने पिछले साल जून में कोलंबिया जिले की एक संघीय अदालत के समक्ष गलत लेखन करने के एक मामले और विदेशी सरकार के निर्णयों को प्रभावित करने के इरादे से सहायता और सलाह देने के एक मामले को स्वीकार किया था। विभाग ने कहा कि ओल्सन एक व्यवसायी से प्राप्त हजारों डॉलर के लाभ का खुलासा करने में विफल रहे और जब संघीय जांच ब्यूरो ने उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने झूठा दावा किया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है।
अदालत के दस्तावेज़ों में उस शख्स का का नाम नहीं था, लेकिन उसे पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक बताया गया था। जिसने कई व्यवसाय संचालित किए और पैरवी की, और एक अन्य सौदे के लिए मध्यस्थ था। वह व्यक्ति पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यवसायी इमाद जुबेरी था, जिसे अवैध अभियान योगदान देने के आरोप में 2021 में 12 साल की सजा सुनाई गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पद छोड़ने के बाद, ओल्सन को एक साल तक कूलिंग-ऑफ का पालन करना पड़ा, इस दौरान उन्हें विदेशी सरकारों की सहायता करने या उनका प्रतिनिधित्व करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन विभाग ने कहा कि उस शख्स ने उसे प्रति माह 20 हजार डॉलर का परामर्श शुल्क देना शुरू कर दिया और उसने कानूनों के उल्लंघन में कतर सरकार को अमेरिकी नीति निर्माताओं को प्रभावित करने में अवैध रूप से मदद की।