कोयला, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश के आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 5.4 फीसदी बढ़ गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 3.2 फीसदी बढ़ा था। हालांकि, इस साल अक्तूबर में आठ बुनियादी उद्योगों में उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 0.9 फीसदी रह गई थी।शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कोयला उत्पादन में सालाना आधार पर नवंबर में 12.3 फीसदी की वृद्धि रही।

उर्वरक में 6.4 फीसदी, इस्पात में 10.8 फीसदी, सीमेंट में 28.6 फीसदी और बिजली में 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।हालांकि, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में सर्वाधिक 9.3 फीसदी की गिरावट रही। कच्चे तेल का उत्पादन 1.1 फीसदी और प्राकृतिक गैस का 0.7 फीसदी घट गया।

सरकार का राजकोषीय घाटा नवंबर अंत तक पूरे साल के बजट अनुमान के 59 फीसदी पर पहुंच गया। पूंजीगत खर्च बढ़ने और गैर-कर राजस्व में कमजोर वृद्धि से राजकोषीय घाटा बढ़ा है। लेखा महानियंत्रक के अनुसार, राजकोषीय घाटा 2022-23 की अप्रैल-नवंबर अवधि में 9,78,154 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले साल की समान अवधि में यह घाटा 2021-22 के बजट अनुमान का 46.2% था। सरकार ने 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ या जीडीपी का 6.4% रहने का अनुमान रखा है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 69.1 करोड़ डॉलर घटकर 562.808 अरब डॉलर रह गया। भंडार में यह लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट है। इसके पिछले सप्ताह में 57.1 करोड़ डॉलर की कमी दर्ज की गई थी। इससे पहले लगातार पांच सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी रही थी।

आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 8 फीसदी रही। 2021-22 की समान अवधि में यह 13.9 फीसदी थी।