रायपुर | देश की जनता के लिये प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' बोझिल और उबाऊ है। लोग प्रधानमंत्री के मन की बात सुनना नहीं चाहते। मन की बात सुनाने के लिये बीजेपी को पंडाल लगाने पड़ रहे हैं। उसके लिए अभियान चला रही है। जगह-जगह लोगों को एकत्रित करने जा रही है। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री के मन की बात को देश के लोग सुनना नहीं चाहते। प्रधानमंत्री ने 99 एपिसोड तक जो भी मन की बात को कहा है, वह जनता की मन की बात नहीं है, सिर्फ उनके मन की बात है। ये बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहीं।

उन्होंने कहा कि जनता जानना चाहती है जो वादे किये थे 100 दिन में महंगाई कम करेंगे, उसके बारे में कभी मन की बात नहीं की। हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देना नौ साल में लगभग 18, करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था आबादी के अनुसार छत्तीसगढ़ के 37 लाख युवाओं को रोजगार मिलना था अपने मन की बात में इसके बारे में कुछ नही कहते। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की बात की थी 2023 के 4 महीने पूरे हो गये किसानों की आय के बारे प्रधानमंत्री कुछ नही कहते जनता अपने मन की बात उनके मुंह से सुनना चाहती है। प्रधानमंत्री सिर्फ अपनी मन की बात थोपना चाहते है और लोग इसलिये इसे सुनना नही चाहते।

भाजपा को प्रधानमंत्री की इज्जत बचाने के लिये दस हजार से अधिक तैयारी करके उनकी मन की बात सुनाने की नौटंकी कर रही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को जुमलेबाजी और देश की जनता के साथ झाँसेबाजी करार देते हुए कहा है कि पिछले 9 साल से लगातार बढ़ रही बेरोजगारी मोदी सरकार की नीतियों का नतीजा है। इस दौरान सवा करोड़ से ज्यादा युवा बेरोजगार बढ़ गए, निराश हताश युवाओं ने नौकरी की उम्मीद ही छोड़ दी है, 95 फीसदी बेरोजगार युवा हैं, ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं की संख्या 1 करोड़ 18 लाख से अधिक है, इस पर मोदी के मन में कोई स्थान नहीं है कि इन युवाओं को रोजगार दिया जाय।