महासमुंद जिले के भालू ने हमला कर 5 ग्रामीणों को घायल कर दिया। छत्तीसगढ़ वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से हाथी, भालू जंगल छोड़ रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं। आग लगने से प्रदेश के जंगलों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। जंगली जानवरों के रिहाइशी इलाकों की तरफ जाने से लोग डरे हुए हैं। सभी घायलों को ग्रामीणों की सहायता से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गनीमत है घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। 72 वर्षीय भदरसी निवासी कलानाथ गोंड़ सुबह पांच बजे घर से खेत जाने निकला था। गांव के जंगल से निकले भालू ने ग्रामीण पर हमला कर दिया। कलानाथ के शोर मचाने पर अन्य लोग लाठी डंडा लेकर पहुंचे लेकिन तब तक भालू जंगल में भाग चुका था।

भालू ने महुआ बीन रहे 60 वर्षीय रघुवर सिंह पर भी हमला किया। गनीमत रही कि किसी भी घटना में भालू लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले वन रक्षक, वनकर्मी मांगों के समर्थन में 13 दिनों से हड़ताल पर हैं। हड़ताली कर्मियों की वन मंत्री और पीसीसीएफ से दो बार की बातचीत बेनतीजा साबित हुई। मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं मिलने से हड़ताल जारी है।