मध्यप्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने आज NCAIA द्वारा आयोजित 73वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को ज़ूम मीटिंग के ज़रिए सम्बोधित किया. इस दौरान श्री राजपूत ने जहां विदेशों में रहकर भारत का नाम रौशन कर रहे प्रवासी भारतीयों को उनकी दक्षता के लिए बधाई दी तो वहीं विदेश में रहकर उन्होंने जिस तरह से भारतीय परंपरा और मूल्यों को जीवित रखा है उसके लिए उनका अभिनंदन किया

मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि नेशनल कोंसिल ऑफ़ एशियाई-इंडियन एसोसिएशन (NCAIA) द्वारा 73वें गणतंत्र दिवस पर विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में NCAIA द्वारा ज़ूम विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से भारत की आजादी के 75वे वर्ष "आजादी का अमृत महोत्सव" एवं 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में मुझे मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए सर्वप्रथम मैं, NCAIA का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूँ |
1. भारत के इस राष्ट्रीय पर्व के कार्यक्रम में सम्मिलित -
2. अमेरिका में भारत के राजदूत श्री तरन सिंह संधू जी,
3. कार्यक्रम के समन्वयक श्री कृपाशंकर सिंह जी,
4. चेयरमेन श्री सुनील सिंह जी,
5. प्रसीडेंट सुश्री नैना देसाई जी,
6. अमेरिका में भारत के राजदूत के सलाहकार श्री हरस्वरुप सिंह जी एवं श्री शन्भू बानिक जी
7. NCAIA के अन्य कम्यूतनिटी लीडर
तथा भारत, अमेरिका एवं अन्य एशियाई देशों में  रहने वाले अपने भारतीय भाई-बहनों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें देता हूं।
•   बंधुओं इस वर्ष 26 जनवरी 2022 को भारत अपना 73वा गणतंत्र दिवस मना रहा है |
•   भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के पूर्व ही देशवासियों ने 26 जनवरी 1930 को पहली बार तिरंगा झंडा फहराकर स्वराज दिवस मनाने की परंपरा शुरू की, इसलिए 26 जनवरी को ही हम भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आ रहे है |
•   मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि दूसरे देशों में रहकर भी हमारे भारतीय भाई-बहनों के दिल में भारत के प्रति प्यार गहराई से बसा हुआ है।
•   इसी प्यार का परिणाम है कि अमेरिका में रहकर भी आप सभी गणतंत्र दिवस मनाते हैं। यह भारत के प्रति आपके प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। मैं इसके लिए आप सभी की प्रशंसा करता हूं और धन्यवाद देता हूं।
•   प्रवासी भारतीय समुदाय भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के माध्यम से भारत अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के साथ साथ भारत के विकास में भी योगदान देता है|
•  अमेरिका में भारतीय गणतंत्र के पर्व को मनाना हम सभी के लिए गर्व की बात है और साथ ही यह अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय की ताकत का प्रमाण भी है |
•   भारत सरकार और हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का यह मानना है कि हम परंपरा, प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, और आपसी व्यापार द्वारा भारत-अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहें हैं |
•   भारत के गणतंत्र दिवस पर आज मैं अपने देश के 135 करोड़ लोगों की तरफ से आप सब को पुनः बधाई और धन्यवाद देता हूँ कि मुझे इस गौरवशाली परंपरा में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है |
•   बंधुओं भारतीय संविधान में देश के नागरिकों की गरिमा, सम्मान, पंत निरपेक्षता और मौलिक अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित किया गया है | मुझे इस बात की खुशी है कि इन मूल भावनाओं का देश का हर नागरिक पूरी निष्ठा और समर्पण की भावना से सम्मान करता है।
•   इन भावनाओं को हमारे देश के नागरिकों ने न सिर्फ आत्मसात किया है बल्कि दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले भारतीयों ने इन मूल्यों और परम्पराओं को भी प्रचारित-प्रसारित और स्थापित करने का कार्य किया है।
•   आज अमेरिका में रहकर वहां गणतंत्र दिवस का आयोजन करके आप सभी इसी परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। मुझे इसकी बेहद खुशी है।
•   भारत अपने प्राचीन काल से ही अपनी सामाजिक सदभाव, समरसता, समानता और स्वतंत्रता की संस्कृति के लिए जाना जाता रहा है जिससे पूरी दुनिया में भारत की एक पहचान बनी है।
•   हम सदैव बसुधैव कुटुम्बकम की भावना में विश्वास रखते आये हैं। मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि आपने विदेशों में रहकर भारतीय संस्कृति की इस पहचान को विदेशी भाइयों के दिलों में भी जीवित रखने का काम किया है।
•   अमेरिका में बसे मेरे भारतीय भाई-बहन, आप लोग लगातार भारतीय संस्कृति के इन मूल्यों को विश्व स्तर पर स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं जो कि निश्चित रूप से आने वाले समय में विश्व शांति और विश्व बंधुत्व की स्थापना में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
•   भारतीय ज्ञान परम्परा का एक लम्बा सिलसिला रहा है। अपने ज्ञान और अनुभव के कारण ही भारत विश्वगुरू कहलाता रहा है। उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए आज आप सभी अपने ज्ञान, अनुभव, योग्यता और परिश्रम के बल पर अमेरिका जैसे बड़े और विकसित देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। जिसके लिए आप सभी पर भारत को गर्व है।
•   आप सभी ने इन देशो में विभिन्न क्षेत्रों में न सिर्फ अपना योगदान दिया है बल्कि नेतृत्व प्रदान करने का काम भी किया है, जिसकी चर्चा आज पूरी दुनिया के ताकतवर से ताकतवर देश भी करते हैं।
•   सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आप लोगों ने उन देशो की राजनीति में भी पूरे सम्मान और सक्रियता के साथ हिस्सेदारी करते हुए वहां के प्रशासन और प्रबंधन को एक नई दिशा दी है और राजनीति के माध्यम से भारतीय लोकतांत्रित मूल्यों को स्थापित करने का काम उन देशो में किया है। आपने जिन मानवीय मूल्यों को वहां स्थापित किया है वह सभी के लिए एक मिसाल है।
•   मुझे यह भी ज्ञात है कि अमेरिका में रहने वाले आप सभी लोग सिर्फ गणतंत्र दिवस ही नहीं बल्कि भारतीय स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों के साथ-साथ सभी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्वों जैसे कि दिवाली, दशहरा, होली और नवरात्री जैसे पर्वों एवं त्यौहारों को भी वहां आपस में मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
•   इन देशो में छोटे बड़े सभी शहरों में भारतीय समुदाय के लोग भले ही कम संख्या में क्यों न हों लेकिन आप अपनी संस्कृति के परिचायक इन त्यौहारों को मनाना कभी नहीं भूलते हैं।
•   मुझे इस बात की भी खुशी है कि आप सभी लोग अपने साथ-साथ इन देशो के नागरिकों को भी इन त्यौहारों में शामिल करते हैं। यह आपकी सामाजिक सदभावना को दर्शाता है।
•   भारतीय संस्कृति सदैव से लोगों में घुलमिल जाने की संस्कृति है। भारतीय संस्कृति एक उदार संस्कृति है जो आसानी से सब को अपने अंदर समाहित कर लेती है। आप विदेशो में इन त्यौहारों को मनाकर इसी परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। 
•   भारतीय नागरिक अमेरिका में विभिन्न व्यवसायों, आईटी कंपनियों, बैंकिंग इंश्योरेंस और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं।
•   आपका यह योगदान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक नहीं दो देशो के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसलिए आपके कार्यों को हम सभी भारतवासी ज्यादा महत्व देते हैं ।
•   भारत और अमेरिका के मध्य स्थापित मजबूत आर्थिक एवं राजनैतिक संबंधों का ही परिणाम है कि आज अमेरिका की कई दिग्गज कम्पनियों में भारतीय मूल के व्यक्ति, कम्पनी के शीर्ष पदों पर काबिज हैं – 
1. माइक्रोसॉफ्ट के श्री सत्य नडेला जी,
2. गूगल के श्री सुन्दर पिचाई जी,
3. ट्विटर के श्री पराग अग्रवाल जी,
4.सिस्को की सुश्री पद्मश्री वारियर जी,
5. एडोब के श्री सांतनु नारायण जी,
6. मास्टर कार्ड के श्री अजय बंगा जी,
7. पालो-आल्टो नेटवर्क के श्री निकेश अरोरा जी,
8. माइक्रोन टेक्नोलॉजी के श्री संजय मेहरोत्रा जी,
9. हॉटमेल के श्री सबीर भाटिया जी
इत्यादि ने अमेरिका में भारत का मान बढाया है |
•    अमेरिका में भारतीय मूल की सुश्री कमला हैरिस के अमेरिका की उप-राष्ट्रपति बनने से भी भारतीयों का सम्मान बढ़ा है |
•    भारत सरकार द्वारा इस साल 03 विशिष्ट प्रवासी सदस्यों को पदम् भूषण से सम्मानित किया गया है जिनमे सुश्री मधु जाफरी जी, श्री सत्या नडेला जी और श्री सुन्दर पिचाई जी शामिल है |
•   भारत-अमेरिका के संबंध विश्व स्तर पर आज बहुत महत्व रखते है |
•   भारत अमेरिका द्वारा असैन्य-परमाणु सहयोग, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, रक्षा समझौते, व्यापार एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय समझौते किये गये है, जिससे दोनों देशों के मध्य व्यापार एवं व्यवसाय में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है |
•   अमेरिका में भारत की मातृभाषा हिंदी का महत्व भी बढ़ा है | मैंने सुना है कि अमेरिका में कई हिंदी रेडियो स्टेशन चल रहे हैं जिनके माध्यम से भारतीय संगीत, कला एवं संस्कृति अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय समुदाय तक पहुँच रही है |
•   भारत और अमेरिका दोनों देशों का इतिहास कई मामलों में समान रहा है। दोनों ही देशों ने विदेशी शासकों के खिलाफ संघर्ष कर स्वतंत्रता प्राप्त की है तथा दोनों देशों ने स्वतंत्र होने पर शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया है |
•   हम सब जानते है कि भारत में लोकतंत्र है | इस लोकतंत्र का मुख्य आधार भारत का संविधान है, जो अमेरिका की तरह ही लिखित है, जिसके द्वारा संघीय राजनैतिक संरचना की व्यवस्था लागू की गई है | भारत और अमेरिका दोनों देशों के संविधान में, देश की बढती सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक जरूरतों की मांगों को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन के प्रावधान भी रखे गये हैं|
•   इस प्रकार हम कह सकते है कि भारत के अमेरिका एवं अन्य एशियाई देशों के साथ रिश्ते विश्व स्तर पर बहुत ही महत्वपूर्ण है | इसमें अमेरिका में बसा भारतीय समुदाय भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है | मैं, एक बार फिर सभी मित्रों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ |

और आज के उदबोधन का समापन मैं, श्री सोम ठाकुर की इन पंक्तियों के साथ करना चाहूँगा :-
सागर चरण पखारे, गंगा शीश चढ़ावे नीर
मेरे भारत की माटी है, चन्दन और अबीर
सौ-सौ नमन करूँ मैं भैया, सौ-सौ नमन करूँ
जय हिन्द-, जय भारत

अमेरिका और कनाडा में हर साल 30 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भारत की प्रमुख हस्तियों को मुख्य अतिथि बनाया जाता है