प्रथामिक जांच पूरी होने के बाद स्ट्रॉग रूम में सुरक्षित रखी गई मशीनें प्रथामिक जांच पूरी होने के बाद स्ट्रॉग रूम में सुरक्षित रखी गई मशीनें


भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। इसी के मद्देनजर निर्वाचन सदन ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली वोटिंग मशीनों की पहले चरण की तैयारियां दुरूस्त कर ली है। यानी चुनाव में इस्तेमाल होने वाली मशीनों की प्राथमिक जांच पूरी हो गई है। जिन्हें स्ट्रॉग रूम में रखवा दिया गया है। प्रथम चरण की जांच के बाद सामने आया है कि प्रदेश के 64100 बूथों में करीब 82000 ईवीएम मशीन और 86000 वीवीपीएटी लगाई जाएंगी। जो पूरी तरीके से तैयार हैं। दरअसल विधनसभा चुनाव में कितनी मशीनें प्रयोग में ली जाएंगी इसका गणित मतदान केंद्रों की संख्या से तय होता है। यानी कुल मतदान केंद्रों के 125 प्रतिशत बैलट यूनिट, 125 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट और 135 प्रतिशत वीवीपीएटी का इस्तेमाल होता है। बता दें एक बैलट यूनिट और एक कंट्रोल यूनिट को मिलाकर पूरी एक ईवीएम मशीन तैयार होती है।

निर्धारित प्रक्रिया के तहत निकाली जाएंगी मशीनें
मशीनों के प्रथम चरण की जांच पूरी होकर इन्हें स्ट्रॉग रूम रखकर सील कर दिया गया है। अब चुनाव के वक्त इन्हें निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए निकाला जाएगा। तब मशीनों की एक बार फिर से जांच होगी। इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे। बहरहाल इन मशीनों को सुरक्षित रखा दिया गया है। जब मशीनों को चुनाव के वक्त निकाला जाएगा। उस वक्त इनकी एक बार दोबारा जांचा परखा जाएगा। उसके बाद ही इन्हें चुनाव में प्रयोग में लिया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में मशीनों का गणित
बैलट यूनिट----82000
कंट्रोल यूनिट---82000
वीवीपीएटी---86000

चुनाव के वक्त निकाली जाएंगी मशीने
बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट से वीवीपीएटी की संख्या ज्यादा होती है। क्योंकि कुछ मशीनें ट्रेनिंग और अवेयरनेस के लिए इस्तेमाल होती हैं। इन्हें अब सुरक्षित रख दिया है। चुनाव के वक्त निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए खोला जाएगा।
अनुपम राजन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मप्र