इंदौर ।    युवाओं की रगों में दौड़ रहा सफेद जहर अफगानिस्तान से आ रहा था। अफगानी माफिया विभिन्न तरह का रा-मटेरियल (ड्रग) भेजता था। यह खुलासा सबसे बड़ी ड्रग खेप की जांच में हुआ है। क्राइम ब्रांच को महिला तस्कर महजबीन के मोबाइल में माफिया के नंबर भी मिलें हैं। माफिया वाट्सएप पर फोटो भेजकर ड्रग भेजने के संबंध में चर्चा कर रहा था।
शहर के पब-रेस्त्रां और बड़े होटल नशे के अड्डे बन चुके है। बड़ा माफिया पैडलर्स के जरिए किसी भी इलाके में ड्रग मुहैया करवा देता है। रेल और हवाई सेवा के कारण शहर में आसानी से ड्रग की सप्लाई हो जाती है। 70 करोड़ रुपये की मिथाइलीनडाईआक्सी मैथेमफेटामाइन (एमडीएमए) में तो अफगानिस्तानी तस्करों के लिंक मिले हैं। क्राइम ब्रांच ने शुरुआत में वेदप्रकाश व्यास, दिनेश अग्रवास, अक्षय अग्रवाल, चिमन अग्रवाल और मांगी वेंकटेश को खुड़ैल थाना क्षेत्र से 70 करोड़ रुपये कीमती एमडीएमए के साथ पकड़ा था। जांच के दौरान पुलिस मुंबई पहुंची और महजबीन उर्फ आपा को गिरफ्तार किया। डी कंपनी से जुड़ी आपा इंदौर में ड्रग खरीदने और बेचने आती थी। जब उसका मोबाइल जांचा तो अफगानिस्तान के ड्रग माफिया की चैटिंग मिली जो रा मटैरियल भेजने की चर्चा कर रहा था। ड्रग अंकलेश्वर (गुजरात) के रास्ते पहुंचना थी। क्राइम ब्रांच ने इसके बाद गुजरात और मुंबई क्राइम ब्रांच, एटीएस और एनसीबी को आपा का डेटा भेज दिया। इंटरनेट नंबर होने के कारण क्राइम ब्रांच को जांच रोकना पड़ी।

पब-रेस्त्रां और काफी हाउस तक पहुंचे पैडलर

दवा कारोबारी वेदप्रकाश व्यास हैदराबाद में कारखाना में ड्रग बनाता था। वह टैंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल के माध्यम से शहर में ड्रग सप्लाई करता था। सदर बाजार का रईस उर्फ रईसुद्दीन पैडलर के माध्यम से होटल, पब और रेस्त्रां में सप्लाई करता था। यह भी खुलासा हुआ कि आजाद नगर, खजराना, बंबई बाजार, चंदन नगर के कई पैडलर बड़ी पार्टियों में ड्रग सप्लाई करते थे जिसमें पंढरीनाथ और द्वारकापुरी के तस्करों की अहम भूमिका थी। क्राइम ब्रांच ने मुंबई, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 40 से ज्यादा तस्कर पकड़े और 73 किलो एमडीएमए जब्त कर ली। हालांकि करोड़ों की एमडीएमए अभी भी तस्करों के पास है जिसकी क्राइम ब्रांच जांच कर रही है।