लखनऊ | स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के खिलाफ प्रदेश सरकार बृहस्पतिवार को सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर करेगी। सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया जाएगा।

निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। आयोग का गठन करने के बाद अब सरकार बृहस्पतिवार को एसएलपी दायर करेगी। एसएलपी में सरकार उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह करेगी। बुधवार को दिनभर नगर विकास विभाग और विधि विभाग के अधिकारी लखनऊ से दिल्ली तक एसएलपी दायर करने की तैयारी में जुटे रहे। अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि बृहस्पतिवार को एसएलपी दायर हो जाएगी। लेकिन उस पर बहस 2 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय खुलने के बाद ही हो सकेगी।

ये हो सकता है राजनीतिक निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय और लोकसभा से कोई राहत नहीं मिलने की स्थिति में सत्तारूढ़ भाजपा निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को सामान्य की 35 फीसदी सीटों पर टिकट देकर पिछड़े वर्ग को संदेश देने का प्रयास करेगी कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के  बाद भी भाजपा सरकार ने पिछड़ों को निर्धारित से ज्यादा आरक्षण दिया है।