मध्यप्रदेश के खंडवा में कोतवाली पुलिस ने कुछ ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी ऋण पुस्तिका से जमानत लिया करते थे। जानकारी के मुताबिक इनमें से एक आरोपी हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। इनके पास से पुलिस ने लगभग 150 से ज्यादा फर्जी ऋण पुस्तिका बरामद किए हैं। इस पूरे मामले की जांच रेलवे मजिस्ट्रेट कर रहे हैं जिन्होंने बताया कि आरोपियों का यह धंधा काफी लंबे समय से चल रहा था।

कोतवाली टीआई बलराम सिंह राठौर ने मामले की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों आरोपियों की पहचान महेश निनोरिया निवासी खेड़ापति और आनंदराम निवासी छिरवेल के तौर पर की गई है। इन दोनों पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को इनके घर की तलाशी करने के दौरान 150 से ज्यादा फर्जी ऋण पुस्तिका मिली हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपित महेश हिस्ट्रीशीटर रहा है, उस पर पहले से कई मामले दर्ज हैं। महेश व आनंदराम का गिरोह लंबे समय से फर्जी ऋण पुस्तिका बनाने का धंधा कर रहा था। जब उनकी ऋण पुस्तिका रेलवे मजिस्ट्रेट विष्णु प्रसाद सोलंकी के कोर्ट में पहुंचा तब इस बात का खुलासा हुआ। दरअसल, इस ऋण पुस्तिका को देखकर रेलवे मजिस्ट्रेट को शक हुआ और उन्होंने जब इसकी जांच की तो पता लगा कि ऋण पुस्तिका नकली है।

धाराओं के अनुसार करते थे सौदा

आरोपी महेश और आनंदराम धाराओं के आधार पर जमानत का सौदा करते थे। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी में चलने वाले मामलों में आरोपी पांच से दस हजार रुपए तक की जमानत लेते थे। वहीं, सत्र न्यायालय के मामलों के लिए 20 से 50 हजार रुपयों की मांग की जाती थी। जबकि, हाईकोर्ट में जमानत लेने के लिए इन्होंने लगभग एक से दो लाख रुपयों की फीस तय की थी। आरोपित गरीब किसानों को झांसे में लेकर उनसे हजार या दो हजार रुपए में ऋण पुस्तिका लिया करते थे। इसके बाद वो इस ऋण पुस्तिका से तीन से चार जमानत करवा लेते थे। फिर उस पुस्तिका के आगे के पन्नों को फाड़कर दूसरे पेज पर किसी अन्य का फोटो चिपकाकर फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार कर लेते थे।