शिवपुरी ।  जिला अस्पताल के सर्जरी वार्ड में बने शौचालय में सोमवार को एक मरीज देवीलाल शाक्य का शव मिलने के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सर्जरी विभाग की पांच नर्सिंग आफिसर को निलंबित कर दिया है। वहीं सर्जरी विभाग के प्रभारी चिकित्सक सहित सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस दिया है। उल्लेखनीय है कि मरीज देवीलाल शाक्य चार दिन से लापता था। उसकी अस्पताल के शौचालय में मौत हो गई थी और चार दिन तक शव वहीं पड़ा रहा। मंगलवार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, एसपी राजेश सिंह चंदेल, एडीएम विवेक रघुवंशी, एसडीएम गणेश जायसवाल, सीएमएचओ डा. पवन जैन आदि पहुंचे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. पवन जैन ने बताया कि देवीलाल जिला चिकित्सालय शिवपुरी में नौ दिसंबर को पेट में दर्द की शिकायत के कारण भर्ती हुआ था। 40 वर्षीय देवीलाल शाक्य पुत्र तेजाराम शाक्य निवासी घोसीपुरा कमलागंज का शव 12 दिसंबर को सर्जरी विभाग के शौचालय में पड़ा हुआ प्राप्त हुआ था। चार दिन तक जिला अस्पताल के ही मरीज का शव वहां शौचालय में पड़ा रहने और किसी को जानकारी नहीं लगने से अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठे थे। कलेक्टर ने इस मामले में सर्जरी वार्ड प्रभारी नर्सिंग आफिसर कमला नगेशिया, नर्सिंग आफिसर मोनिका कटारे, नर्सिंग आफिसर सभ्या पवारे, नर्सिंग आफिसर शायला खान, वार्ड बाय सुनील योगी को निलंबित कर दिया। वहीं सर्जरी वार्ड के प्रभारी चिकित्सक डा.पंकज गुप्ता और सिविल सर्जन डा. आरके चौधरी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

चार सदस्यीय दल करेगा जांच

सीएमएचओ डा. पवन जैन ने बताया कि इसके अतिरिक्त मामले की विस्तृत जांच के लिए सिविल सर्जन द्वारा चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया है, जो दो दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। इससे पूर्व सिविल सर्जन डा. आरके चौधरी द्वारा जहां चार सफाई कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। वहीं सफाई सुपरवाइजर नीतेश शर्मा व बलराम कुशवाह सहित नर्सिंग आफिसर और चिकित्सक को नोटिस जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना, घटना से हिला प्रशासन

श‍िवपुरी के जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान का आकस्मिक दौरा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री का 15 दिसंबर को श‍िवपुरी आना प्रस्तावित है। अस्पताल के निरीक्षण की संभावना को लेकर प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी आगाह कर चुके हैं। दो दिन पहले कलेक्टर ने भी निरीक्षण किया। इसके बावजूद मरीज की मौत के बाद चार दिन तक शव शौचालय में पड़ा रहने की गंभीर घटना से प्रशासन हिल गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरा प्रशासनिक अमला वहां पहुंच गया।