अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि 1.7 अरब डॉलर की कर धोखाधड़ी मामले के मास्टरमाइंड 52 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक को डेनमार्क प्रत्यर्पित किया जाए। गुरुवार को यहां जारी एक बयान के अनुसार, यह फैसला दुबई के अटॉर्नी जनरल चांसलर एसाम इस्सा अल हुमैदान की ओर से दुबई कोर्ट ऑफ कैसेशन में दायर अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया गया।

दुबई की एक अदालत ने 1.7 अरब डॉलर की कर धोखाधड़ी मामले में ब्रिटिश नागरिक को डेनमार्क प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि 1.7 अरब डॉलर की कर धोखाधड़ी मामले के मास्टरमाइंड 52 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक को डेनमार्क प्रत्यर्पित किया जाए।हेज फंड कारोबारी संजय शाह पर 2012 से 2015 तक चलने वाली एक योजना बनाने का आरोप है, जिसमें विदेशी व्यवसायों ने डेनिश कंपनियों में शेयर होने का दिखावा किया और कर रिफंड का दावा किया। हालांकि इसके लिए वे पात्र नहीं थे।

गुरुवार को यहां जारी एक बयान के अनुसार, यह फैसला दुबई के अटॉर्नी जनरल चांसलर एसाम इस्सा अल हुमैदान की ओर से दुबई कोर्ट ऑफ कैसेशन में दायर अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया गया।कोर्ट ऑफ कैसेशन ने एक अलग न्यायिक निकाय की ओर से पुनर्विचार के लिए मामले को कोर्ट ऑफ अपील को वापस करने का फैसला किया गया। इस अदालत ने शाह को डेनमार्क के अधिकारियों को प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया।

बयान में कहा गया है, ''दुबई लोक अभियोजन ने संजय शाह के खिलाफ डेनमार्क के अधिकारियों की ओर से सौंपे गए सभी दस्तावेज अदालत को सौंपे। इन दस्तावेजों से धोखाधड़ी और धनशोधन में आरोपित की संलिप्तता का पता चलता है।दुबई पुलिस ने डेनमार्क के अधिकारियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद इस साल की शुरुआत में शाह को गिरफ्तार किया था।शाह के वकील अली अल जारूनी ने कहा कि उनके मुवक्किल दुबई कोर्ट ऑफ अपील की ओर से दिए गए प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

सितंबर में दुबई में डेनमार्क सरकार की ओर से दायर एक दीवानी मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया था कि शाह को डेनमार्क राज्य को 1.25 अरब डॉलर का भुगतान करना होगा।बयान में कहा गया है कि आरोपित की गिरफ्तारी और फैसला धनशोधन सहित अवैध वित्तीय गतिविधियों से निपटने की दुबई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  यूएई मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है, अंतरराष्ट्रीय मानकों और नीतियों को पूरी तरह से लागू करना चाहता है।