पाकस्तिान-चीन की नाक में दम कर देगा, भारत को मिलने वाला यह ड्रोन
लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र की सीमा पर चीन के साथ आये गतिरोध के बाद सरकार ने एक साल के लिये अमेरिका से दो एमक्यू-9 बी सी गार्जियन ड्रोन को लीज पर लिया था। इन ड्रोन का उपयोग हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिये किया जा रहा था। बाद इस लीज की अवधि को एक्सटेंन कर दिया गया था। इसी प्रकार एलओसी और एलएसी पर पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के बिगड़े हालातों को देखते हुये हमेशा सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ की संभावना बनी रहती है और इसी के चलते भारत अब अमेरिका से लीज पर लिये गये सी गार्जियन ड्रोन को लेने के प्रयास में सफल हो गया है। दोनों के देशों के बीच शीघ्र ही इन ड्रोन्स की डील फाइनल हो सकती है।
अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार गुरुवार को अमेरिका ने 390 करोड़ डालर की लागत वाले यूएवी ड्रोन भारत को बेचने की मंजूरी दे दी है। भारत ने पिछले 6-7 साल पहले इस ड्रोन को खरीदने के लिये प्रयास शुरू किये थे। ऐसा उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ ही समय के बाद अमेरिका और भारत के बीच इस डील पर हस्ताक्षर हो जायेंगे। आपको बता देें कि यह डील होने पर भारत की नौसेना को 15 सी गार्जियन ड्रोन मिल जायेंगे। इसके अतिरिक्त वायु सेना और थल सेना दोनों को ही लगभग 8-8 स्काई गार्जियन ड्रोन भी मिल सकेंगे। भारत में अभी सेना द्वारा हंटर किलर ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। यदि भारतीय सेना को यह सी गार्जियन ड्रोन मिल गये तो हमारी सेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी।
दुनिया भर की सेनाओं की पसंद है यह ड्रोन
भारत को मिलने जा रहे इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह पिन ड्राप साइलेंस के साथ काम करता है जो जमीन से 250 मीटर करीब भी उड़ सकता है दूसरी तरफ यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है जो एक कामर्शियल हवाई जहाज की उड़ान से भी ऊपर है। इसकी अधिकतम गति भी 440 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। किसी भी मौसम में बेहतरीन तरीके से काम करने की क्षमता रखने वाला यह ड्रोन अपने चार मिसाइलों और 450 किलोग्र्राम के साथ 1600 किलोग्र्राम के पेलौड को ले जा सकने में सक्षम होता है। यदि एक बार ईंधन भर दिया जाये तो यह लगभग 2000 मीटर तक का सफर आसानी से तय कर लेता है और आसानी से 30-35 घटों की उड़ान भर लेता है।एक तरफ यह ड्रोन हवा से हवा में मार करने मिसाइलों से लैस किया जा सकता है तो दूसरी तरफ हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें भी इस ड्रोन पर लगायी जा सकती है। अमेरिका खुद भी खूफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी के लिये इसी ड्रोन का इस्तेमाल करते हैैं। यह ड्रोन किफायती भी माना जा रहा है। यही कारण है कि यह ड्रोन दुनिया में अपना एकदम खास स्थान रखता है।