पाकिस्तान में 39 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में 9.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। कुल आबादी 24 करोड़ का यह 39.4 प्रतिशत है। इनकी दिनभर की कमाई 3.65 डॉलर यानी 1,048 पाकिस्तानी रुपए है। भारतीय करेंसी में यह 300 रुपए के बराबर है। वल्र्ड बैंक ने कहा- 2022 में गरीबी 34.2 प्रतिशत थी, जो 5 प्रतिशत बढक़र अब 39.4 प्रतिशत हो गई है।
वल्र्ड बैंक ने चेतावनी दी है कि एक साल में 1.25 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आए हैं। इसके बाद बीपीएल आबादी 9.5 करोड़ हो गई है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। वल्र्ड बैंक ने पाकिस्तान से कृषि और रियल एस्टेट पर टैक्स लगाने और फिजूलखर्ची में कटौती करने की बात कही है।
वल्र्ड बैंक ने शुक्रवार को पाकिस्तान की अगली सरकार के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की। इसमें पाकिस्तान की आर्थिक हालात से जुड़ी जानकारी दी गई। वल्र्ड बैंक के एक अधिकारी ने कहा- पाकिस्तान का इकोनॉमिक मॉडल गरीबी कम नहीं कर पा रहा। समकक्ष देशों से यहां लिविंग स्टैंडर्ड भी गिरता जा रहा है। वल्र्ड बैंक ने उपाय बताया कि टैक्स-टू-जीडीपी रेशो में तुरंत 5 प्रतिशत की ग्रोथ और एक्सपेंडिचर्स यानी व्यय में जीडीपी के लगभग 2.7 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए। इससे अस्थिर अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाया जा सकता है। इसके अलावा वल्र्ड बैंक ने सरकारी रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए भी उपाय बताया है। वल्र्ड बैंक ने कहा कि रेवेन्यू-टू-जीडीपी रेशो में 5 प्रतिशत का सुधार करने के लिए टैक्स छूट को वापस लिया जा सकता है। इसके अलावा रियल एस्टेट और एग्रीकल्चर सेक्टर्स पर टैक्स को भी बढ़ाया जा सकता है।
पाकिस्तान में महंगाई से बुरा हाल है। यहां पेट्रोल के दाम 26.02 पाकिस्तानी रुपए बढक़र 331.38 रुपए हो गए। वहीं हाई-स्पीड डीजल 17.34 रुपए बढक़र 329.18 पाकिस्तानी रुपया हो गया। पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक, पिछले एक महीने में पेट्रोल-डीजल के रेट में करीब 58.43 और 55.83 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। दरअसल, अगस्त में इंफ्लेशन रेट में 27.4त्न से ज्यादा की वृद्धि हुई, जिसके बाद पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ी हैं। आने वाले दिनों में सामान्य कीमतें भी बढऩे के आसार हैं।